
राजस्थान पुलिस को नया स्थायी पुलिस महानिदेशक (DGP) मिल गया है। 1990 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजीव शर्मा ने आज पुलिस मुख्यालय में डीजीपी का कार्यभार संभाल लिया है। वे इससे पहले केंद्र सरकार में ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट (BPRD) के प्रमुख पद पर कार्यरत थे, जहां से उन्हें औपचारिक रूप से रिलीव कर दिया गया है।
राजीव शर्मा का अनुभव और सेवा रिकॉर्ड
राजीव शर्मा ने राजस्थान के भरतपुर और जयपुर नॉर्थ में एसपी, तथा भरतपुर और बीकानेर में रेंज आईजी के रूप में सेवाएं दी हैं।
उन्होंने डीजी (एसीबी), डीजी (कानून-व्यवस्था), राजस्थान पुलिस अकादमी के निदेशक और सीबीआई में जॉइंट डायरेक्टर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी काम किया है।
शर्मा मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले से हैं और उनकी शिक्षा एमए व एमफिल है।
उन्हें 2014 में राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा चुका है।
चयन प्रक्रिया
राजस्थान सरकार ने डीजी रैंक के 7 अधिकारियों की सूची यूपीएससी को भेजी थी, जिसमें से यूपीएससी ने राजीव शर्मा, संजय अग्रवाल और राजेश निर्वाण के नाम शॉर्टलिस्ट किए।
मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी के बाद राजीव शर्मा की नियुक्ति का आदेश जारी किया गया।
पूर्ववर्ती और कार्यकाल
वे हाल ही में रिटायर हुए डीजीपी रवि प्रकाश मेहरड़ा का स्थान लेंगे, जिनके बाद संजय अग्रवाल को अस्थायी डीजीपी बनाया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, शर्मा का कार्यकाल दो वर्ष का होगा, जिससे वे जुलाई 2027 तक इस पद पर रहेंगे।
राज्य के लिए क्या है महत्व
राजीव शर्मा का पुलिसिंग, अपराध नियंत्रण, प्रशासन और भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों में लंबा अनुभव राजस्थान पुलिस के लिए अहम साबित हो सकता है। उनकी नियुक्ति से राज्य में कानून-व्यवस्था और पुलिस सुधारों को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
निष्कर्ष
राजस्थान पुलिस को अनुभवी और सशक्त नेतृत्व मिला है। राजीव शर्मा की नियुक्ति से राज्य में पुलिसिंग के क्षेत्र में नई ऊर्जा और पारदर्शिता आने की संभावना है।
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