मुख्य बिंदु:
दो चरणों में होगी जनगणना:
पहला चरण: हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन (HLO) के तहत देश भर में घरों की आवासीय स्थिति, संपत्ति और सुविधाओं का विवरण एकत्र किया जाएगा।
दूसरा चरण: जनसंख्या गणना (Population Enumeration – PE) में प्रत्येक व्यक्ति की जनसांख्यिकीय, सामाजिक-आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और जातिगत जानकारी ली जाएगी।
तिथियाँ:
हिमालयी और दुर्गम क्षेत्र (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड): 1 अक्टूबर 2026 को संदर्भ तिथि।
शेष भारत: 1 मार्च 2027 को संदर्भ तिथि।
संपूर्ण प्रक्रिया: 1 मार्च 2027 तक पूरी होगी।
जातिगत जनगणना: इस बार जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना भी की जाएगी।
डेटा जारी होगा:
प्राथमिक आंकड़े: मार्च 2027 में जारी होंगे।
विस्तृत आंकड़े: दिसंबर 2027 तक जारी हो सकते हैं।
परिसीमन और आरक्षण: जनगणना के आंकड़ों के बाद 2028 तक लोकसभा और विधानसभा सीटों का परिसीमन शुरू होगा और महिलाओं के लिए 33% आरक्षण भी लागू किया जा सकता है।
कार्यबल: देश भर में लगभग 35 लाख कर्मचारी जनगणना में शामिल होंगे।
क्यों महत्वपूर्ण है जनगणना?
जनगणना के आंकड़ों का उपयोग चुनावी निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन, अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए सीटों के आरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे की योजना बनाने में किया जाता है।
संक्षेप में:
केंद्र सरकार ने जनगणना 2027 की अधिसूचना जारी कर दी है। प्रक्रिया दो चरणों में पूरी होगी और इसमें जातिगत जनगणना भी शामिल होगी। हिमालयी राज्यों में 1 अक्टूबर 2026 और शेष भारत में 1 मार्च 2027 को संदर्भ तिथि होगी। जनगणना के आंकड़े मार्च 2027 में जारी होंगे और परिसीमन 2028 में शुरू हो सकता है
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