डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा दावा:
जैसे भारत-पाकिस्तान में डील करवाई, वैसे ही ईरान-इज़रायल की जंग रुकवाऊंगा
नई दिल्ली:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रंप ने हाल ही में दिए एक बयान में कहा,
यह बयान उस समय आया है जब पश्चिम एशिया में ईरान और इज़रायल के बीच तनाव अपने चरम पर है और युद्ध की आशंका लगातार बनी हुई है। ट्रंप ने खुद को एक बार फिर वैश्विक शांति के दूत के तौर पर पेश करते हुए कहा है कि वे दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं।
ट्रंप का दावा और पृष्ठभूमि
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी। हालांकि भारत ने हमेशा इस मुद्दे को द्विपक्षीय बताया और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को नकारा, लेकिन ट्रंप ने कई बार दावा किया कि उनकी वजह से दोनों देशों के बीच तनाव कम हुआ। अब ट्रंप उसी अनुभव को आधार बनाकर ईरान-इज़रायल के बीच भी शांति स्थापित करने की बात कर रहे हैं।
क्या है मौजूदा हालात?
ईरान-इज़रायल तनाव: हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक तनाव तेजी से बढ़ा है। कई बार सीधी झड़पें भी हुई हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल है।
अमेरिका की भूमिका: अमेरिका हमेशा से पश्चिम एशिया में शांति स्थापित करने की कोशिश करता रहा है, लेकिन ट्रंप का यह व्यक्तिगत दावा काफी अहम माना जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह बयान अमेरिकी चुनावी माहौल को देखते हुए भी आया है, जहां वे खुद को एक बार फिर वैश्विक नेता और शांति दूत के रूप में पेश करना चाहते हैं। हालांकि, ईरान-इज़रायल के मामले में मध्यस्थता करना भारत-पाकिस्तान की तुलना में कहीं अधिक जटिल और चुनौतीपूर्ण है।
निष्कर्ष
डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि क्या वे वाकई अपने दावे को हकीकत में बदल पाते हैं या यह सिर्फ एक चुनावी बयान बनकर रह जाएगा।
0 Comments