रूस-यूक्रेन युद्ध में बीकानेर सहित भारत के कई युवा फंसे, परिवारों ने लगाई मदद की गुहार


बीकानेर/नई दिल्ली।
रूस-यूक्रेन युद्ध में राजस्थान के बीकानेर समेत हरियाणा, पंजाब और उत्तर भारत के कई युवा फंस गए हैं। ये सभी युवा पढ़ाई या नौकरी के मकसद से रूस गए थे, जहां दलालों और स्थानीय एजेंटों द्वारा धोखे से उन्हें रूसी सेना में भर्ती कर यूक्रेन बॉर्डर पर भेज दिया गया।

बीकानेर जिले के अर्जनसर स्टेशन निवासी महावीर प्रसाद गोदारा के बेटे अजय कुमार गोदारा 28 नवंबर 2024 को पढ़ाई के लिए स्टडी वीजा पर रूस गए थे। वहां पहुंचने के बाद किसी महिला एजेंट ने नौकरी दिलाने का भरोसा दिलाकर रूसी भाषा में दस्तावेज पर साइन करवा लिया। बाद में अजय समेत दर्जनों युवाओं के डॉक्यूमेंट जब्त कर लिए गए और उन्हें सेना की वर्दी पहना कर यूक्रेन सीमा क्षेत्र में भेज दिया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, इन युवाओं ने सोशल मीडिया के जरिए वीडियो भेजकर अपनी जान बचाने की अपील की है और बताया कि बिना सैन्य प्रशिक्षण के उन्हें हथियार सौंपकर युद्ध क्षेत्र में भेज दिया गया।

कई युवाओं के परिवारों ने केंद्र और राज्य सरकार से अपने बच्चों की सुरक्षित वतन वापसी की गुहार लगाई है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने रूस के साथ मिलकर मुद्दे को गंभीरता से उठाया है और भारतीय नागरिकों को ऐसी धोखाधड़ी से सावधान रहने की सलाह दी है। बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, हरियाणा के हिसार, भिवानी, रोहतक समेत उत्तर भारत के दर्जनों युवाओं के फंसे होने की पुष्टि हुई है।

कई छात्रों का कहना है कि नौकरी या पढ़ाई के नाम पर रशियन भाषा में समझ न आने वाले कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करवाकर और बाद में दस्तावेज जब्त कर उनका दुरुपयोग किया गया। कुछ मामलों में युवाओं के लापता होने की शिकायतें भी सामने आई हैं।

सरकार ने त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन युवकों के परिवार अभी भी अपनों की वापसी के लिए चिंतित हैं।

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